How to Setup a plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit?
How to Setup a plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit?
Setting up a manufacturing unit for kismis (raisins) or bedana (seedless raisins) involves drying, processing, and packaging grapes. Raisins are in high demand due to their use in snacks, baked goods, and confectionery.
1. Feasibility Study and Business Plan For plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Market Research:
Identify demand for raisins in domestic and international markets.
Study competitors, pricing, and distribution channels.
Business Plan:
Define production capacity (small-scale, medium-scale, or large-scale).
Calculate the setup costs, operational expenses, and expected revenues.
Determine sales strategies (retail, wholesale, or export).
2. Legal Requirements and Approvals
Business Registration: Register your business under MSME or as a company.
FSSAI License: Mandatory for food processing businesses.
GST Registration: For taxation and invoicing.
Pollution Clearance: Ensure adherence to environmental regulations.
Trademark: Protect your brand identity.
3. Location and InfrastructureFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Location:
Prefer areas near grape cultivation regions (e.g., Nashik, Sangli, or Solapur in Maharashtra).
Ensure easy access to transportation for logistics.
Infrastructure:
Drying yard or tunnel for dehydration.
Processing area for cleaning, sorting, and grading.
Storage space for raw grapes and finished raisins.
Office space for administrative tasks.
4. Machinery and Equipment
Essential Equipment:
Grape washing machine.
Dehydration units (solar dryers, tunnel dryers, or mechanical dryers).
Sorting and grading machine.
Stem-cutting machine.
Packaging machine (manual or automated).
Cost of Machinery:
Small-scale unit: ₹8–12 lakh
Medium-scale unit: ₹15–25 lakh
Large-scale unit: ₹30 lakh and above
5. Raw MaterialsFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Primary Material:
Fresh grapes (Thompson seedless, Kishmish grapes, or other varieties).
Other Materials:
Chemicals for cleaning and dipping (e.g., potassium carbonate and ethyl oleate).
Packaging materials like pouches, cartons, or eco-friendly boxes.
6. Cost Estimation For plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Category
Cost (₹)
Land & Building
5–10 lakh
Machinery & Equipment
8–12 lakh
Raw Materials (Initial)
3–5 lakh
Utilities (Power & Water)
1–2 lakh
Labor Costs
2–3 lakh/month
Miscellaneous Expenses
1 lakh
Total Initial Cost
20–30 lakh
Subsidies: Explore government schemes like the PMEGP (Prime Minister’s Employment Generation Programme) or other MSME support schemes.
7. Manufacturing ProcessFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Procurement of Grapes:
Source fresh and high-quality grapes from farmers or suppliers.
Washing and Cleaning:
Wash grapes to remove dirt and impurities.
Dipping:
Dip the grapes in a solution of potassium carbonate and ethyl oleate to improve drying speed and quality.
Drying:
Use solar dryers, tunnel dryers, or mechanical dryers to dehydrate the grapes.
Drying can take 2–3 days for traditional methods or a few hours with mechanical systems.
Sorting and Grading:
Remove stems and grade raisins by size, color, and quality.
Quality Check:
Inspect for impurities, moisture content, and uniformity.
Packaging:
Pack the raisins in airtight and attractive packaging to preserve freshness.
Use food-grade materials to meet quality standards.
8. Quality ControlFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Moisture Content: Ensure moisture levels are within the acceptable range (10–15%).
Appearance: Maintain uniform size, color, and texture.
Hygiene: Follow FSSAI standards for food safety and hygiene.
9. Marketing and Distribution
Branding:
Highlight health benefits and natural processing methods.
Use eco-friendly and attractive packaging.
Sales Channels:
Sell through supermarkets, grocery stores, and online platforms.
Partner with bakeries, snack manufacturers, and confectionery companies.
Explore export opportunities.
Promotion:
Leverage social media and digital marketing.
Participate in food expos and trade fairs.
10. Financials and ROIFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Revenue: A small-scale unit can generate annual revenue of ₹30–60 lakh.
Profit Margins: Typically 20–40%, higher for premium and export-quality raisins.
Break-even Period: 1–1.5 years, depending on market conditions and efficiency.
11.Tips for SuccessFor plant of Kismis/ Bedana Manufacturing Unit
Source high-quality grapes to ensure premium raisins.
Invest in modern drying technology for consistent quality and efficiency.
Focus on branding and sustainable packaging to attract eco-conscious buyers.
Build strong relationships with suppliers and distributors.
किसमिस (किशमिश) या बेदाना (बीज रहित किशमिश) के लिए विनिर्माण इकाई स्थापित करने में अंगूर को सुखाना, प्रसंस्करण करना और पैकेजिंग करना शामिल है। स्नैक्स, बेक्ड गुड्स और कन्फेक्शनरी में उपयोग किए जाने के कारण किशमिश की मांग बहुत अधिक है।
किसमिस/बेदाना विनिर्माण इकाई के संयंत्र के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और व्यवसाय योजना
बाजार अनुसंधान:
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में किशमिश की मांग की पहचान करें।
प्रतिस्पर्धियों, मूल्य निर्धारण और वितरण चैनलों का अध्ययन करें।
व्यवसाय योजना:
उत्पादन क्षमता (लघु-पैमाने, मध्यम-पैमाने या बड़े पैमाने पर) को परिभाषित करें।
सेटअप लागत, परिचालन व्यय और अपेक्षित राजस्व की गणना करें।
बिक्री रणनीति (खुदरा, थोक या निर्यात) निर्धारित करें।
कानूनी आवश्यकताएं और अनुमोदन
व्यवसाय पंजीकरण: अपने व्यवसाय को एमएसएमई या कंपनी के रूप में पंजीकृत करें।
FSSAI लाइसेंस: खाद्य प्रसंस्करण व्यवसायों के लिए अनिवार्य।
GST पंजीकरण: कराधान और चालान के लिए।
प्रदूषण मंजूरी: पर्यावरण नियमों का पालन सुनिश्चित करें।
ट्रेडमार्क: अपनी ब्रांड पहचान को सुरक्षित रखें।
किसमिस/बेदाना विनिर्माण इकाई के संयंत्र के लिए स्थान और बुनियादी ढांचा
स्थान:
अंगूर की खेती वाले क्षेत्रों (जैसे, महाराष्ट्र में नासिक, सांगली या सोलापुर) के पास के क्षेत्रों को प्राथमिकता दें।
रसद के लिए परिवहन की आसान पहुँच सुनिश्चित करें।
बुनियादी ढांचा:
निर्जलीकरण के लिए सुखाने का यार्ड या सुरंग।
सफाई, छंटाई और ग्रेडिंग के लिए प्रसंस्करण क्षेत्र।
कच्चे अंगूर और तैयार किशमिश के लिए भंडारण स्थान।
प्रशासनिक कार्यों के लिए कार्यालय स्थान।
मशीनरी और उपकरण
आवश्यक उपकरण:
अंगूर धोने की मशीन।
निर्जलीकरण इकाइयाँ (सौर ड्रायर, सुरंग ड्रायर, या यांत्रिक ड्रायर)।
छंटाई और ग्रेडिंग मशीन।
स्टेम-कटिंग मशीन।
पैकेजिंग मशीन (मैनुअल या स्वचालित)।
मशीनरी की लागत:
लघु-स्तरीय इकाई: ₹8–12 लाख
मध्यम-स्तरीय इकाई: ₹15–25 लाख
बड़े-स्तरीय इकाई: ₹30 लाख और उससे अधिक
किसमिस/बेदाना विनिर्माण इकाई के संयंत्र के लिए कच्चा माल
प्राथमिक सामग्री:
ताजे अंगूर (थॉम्पसन बीजरहित, किशमिश अंगूर, या अन्य किस्में)।
अन्य सामग्री:
सफाई और डुबाने के लिए रसायन (जैसे, पोटेशियम कार्बोनेट और एथिल ओलिएट)।
पैकेजिंग सामग्री जैसे पाउच, कार्टन या पर्यावरण के अनुकूल बक्से।
किस्मिस/बेदाना निर्माण इकाई के संयंत्र के लिए लागत अनुमान
श्रेणीलागत (₹)
भूमि और भवन5–10 लाख
मशीनरी और उपकरण8–12 लाख
कच्चा माल (प्रारंभिक)3–5 लाख
उपयोगिताएँ (बिजली और पानी)1–2 लाख
श्रम लागत2–3 लाख/माह
विविध व्यय1 लाख
कुल प्रारंभिक लागत20–30 लाख
सब्सिडी: PMEGP (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) या अन्य MSME सहायता योजनाओं जैसी सरकारी योजनाओं का पता लगाएँ।
किस्मिस/बेदाना निर्माण इकाई के संयंत्र के लिए विनिर्माण प्रक्रिया
अंगूर की खरीद:
किसानों या आपूर्तिकर्ताओं से ताज़े और उच्च गुणवत्ता वाले अंगूर प्राप्त करें।
धुलाई और सफाई:
गंदगी और अशुद्धियों को दूर करने के लिए अंगूरों को धोएँ।
डुबोना:
सुखाने की गति और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अंगूरों को पोटेशियम कार्बोनेट और एथिल ओलिएट के घोल में डुबोएँ।
सुखाना:
अंगूरों को निर्जलित करने के लिए सोलर ड्रायर, टनल ड्रायर या मैकेनिकल ड्रायर का उपयोग करें।
पारंपरिक तरीकों से सुखाने में 2-3 दिन या मैकेनिकल सिस्टम से कुछ घंटे लग सकते हैं।
छँटाई और ग्रेडिंग:
तने हटाएँ और किशमिश को आकार, रंग और गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत करें।
गुणवत्ता जाँच:
अशुद्धियों, नमी की मात्रा और एकरूपता की जाँच करें।
पैकेजिंग:
ताज़गी बनाए रखने के लिए किशमिश को एयरटाइट और आकर्षक पैकेजिंग में पैक करें।
गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए खाद्य-ग्रेड सामग्री का उपयोग करें।
किस्मिस/बेदाना निर्माण इकाई के संयंत्र के लिए गुणवत्ता नियंत्रण
नमी की मात्रा: सुनिश्चित करें कि नमी का स्तर स्वीकार्य सीमा (10-15%) के भीतर हो।
उपस्थिति: एक समान आकार, रंग और बनावट बनाए रखें।
स्वच्छता: खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के लिए FSSAI मानकों का पालन करें।
विपणन और वितरण
ब्रांडिंग:
स्वास्थ्य लाभ और प्राकृतिक प्रसंस्करण विधियों पर प्रकाश डालें।
पर्यावरण के अनुकूल और आकर्षक पैकेजिंग का उपयोग करें।
बिक्री चैनल:
सुपरमार्केट, किराना स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए बेचें।
बेकरी, स्नैक निर्माताओं और कन्फ़ेक्शनरी कंपनियों के साथ साझेदारी करें।
निर्यात के अवसरों का पता लगाएँ।
प्रचार:
सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग का लाभ उठाएँ।
खाद्य एक्सपो और व्यापार मेलों में भाग लें।
किस्मिस/बेदाना निर्माण इकाई के संयंत्र के लिए वित्तीय और ROI
राजस्व: एक छोटी इकाई ₹30-60 लाख का वार्षिक राजस्व उत्पन्न कर सकती है।
लाभ मार्जिन: आम तौर पर 20-40%, प्रीमियम और निर्यात-गुणवत्ता वाली किशमिश के लिए अधिक।
ब्रेक-ईवन अवधि: 1-1.5 वर्ष, बाजार की स्थितियों और दक्षता पर निर्भर करता है।
किस्मिस/बेदाना निर्माण इकाई के संयंत्र के लिए सफलता के लिए सुझाव
प्रीमियम किशमिश सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अंगूर का स्रोत।
निरंतर गुणवत्ता और दक्षता के लिए आधुनिक सुखाने की तकनीक में निवेश करें।
पर्यावरण के प्रति जागरूक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए ब्रांडिंग और टिकाऊ पैकेजिंग पर ध्यान दें।
आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों के साथ मजबूत संबंध बनाएं।