Setting up a plant for manufacturing coir garden articles (such as coir pots, hanging baskets, grow bags, mulch mats, and more) involves several steps. These articles are in demand due to their eco-friendly nature, biodegradability, and use in sustainable gardening practices.
1. Market Research and Business Plan For Plant of Coir Garden Articles
Market Analysis: Study the demand for coir garden products locally and internationally.
Target Audience: Identify customers such as nurseries, landscaping companies, exporters, and retailers.
कोयर गार्डन आर्टिकल्स (जैसे कोयर पॉट्स, हैंगिंग बास्केट, ग्रो बैग्स, मल्च मैट्स आदि) की यूनिट लगाने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें। ये आर्टिकल्स पर्यावरण के अनुकूल और जैविक रूप से नष्ट होने वाले होते हैं, जिनकी गार्डनिंग और कृषि में मांग तेजी से बढ़ रही है।
1. मार्केट रिसर्च और बिजनेस प्लान
मार्केट एनालिसिस: कोयर गार्डन उत्पादों की स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मांग का अध्ययन करें।
टार्गेट ऑडियंस: नर्सरी, लैंडस्केपिंग कंपनियां, निर्यातक, और रिटेलर।
बिजनेस प्लान:
उत्पादन क्षमता।
बजट (स्थिर और कार्यशील पूंजी)।
मार्केटिंग रणनीति (ईको-फ्रेंडली ब्रांडिंग पर जोर)।
2. स्थान का चयन
कच्चे माल की निकटता: नारियल उत्पादक क्षेत्रों (जैसे केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश) के पास जगह चुनें।
इंफ्रास्ट्रक्चर: बिजली, पानी, परिवहन, और न्यूनतम 2,000–3,000 वर्ग फुट जगह की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
अनुपालन: औद्योगिक अनुमति और क्षेत्रीय नियमों का पालन करें।
3. लाइसेंस और पंजीकरण
अपने व्यवसाय को MSME या किसी अन्य बिजनेस संरचना के तहत पंजीकृत करें।
आवश्यक अनुमति प्राप्त करें, जैसे:
फैक्ट्री लाइसेंस।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी।
GST पंजीकरण।
आयात-निर्यात कोड (IEC), अगर निर्यात करना है।
4. मशीनरी और उपकरण
कोकोनट हस्क डिफाइब्रिंग मशीन: कोयर रेशे निकालने के लिए।
कोयर शीट मशीन: ग्रो बैग, पॉट्स या मल्च मैट्स बनाने के लिए।
मोल्ड मशीन: पॉट्स और बास्केट को आकार देने के लिए।
कटिंग मशीन: कोयर शीट्स को आकार देने के लिए।
डाईंग और कोटिंग इक्विपमेंट (वैकल्पिक): उत्पादों को रंगने और वॉटरप्रूफ करने के लिए।
पैकेजिंग मशीन: तैयार उत्पादों को पैक करने के लिए।
अनुमानित मशीनरी लागत
सेमी-ऑटोमेटिक मशीनरी: ₹15–₹20 लाख।
अन्य उपकरण और मोल्ड्स: ₹5–₹8 लाख।
5. कच्चा माल
नारियल का छिलका: कोयर रेशे का मुख्य स्रोत।
लेटेक्स या रेज़िन: कोयर उत्पादों को मजबूती देने और आकार देने के लिए।
डाई और केमिकल्स: रंगाई और फिनिशिंग के लिए।
पैकेजिंग सामग्री: ईको-फ्रेंडली बॉक्स और लेबल।
6. कार्यबल
कुशल कर्मचारी: मशीन संचालन, मोल्डिंग, और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए।
अकुशल कर्मचारी: कच्चे माल को संभालने और पैकिंग के लिए।
प्रशासनिक और मार्केटिंग स्टाफ।
7. उत्पादन प्रक्रिया
कच्चा माल संग्रह: स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से नारियल का छिलका खरीदें।
डिफाइब्रिंग: डिफाइब्रिंग मशीन का उपयोग करके कोयर रेशे निकालें।
मोल्डिंग और शेपिंग:
रेशों को मोल्ड्स में डालकर आकार दें।
लेटेक्स/रेज़िन का उपयोग करके उत्पाद को मजबूती दें।
सुखाना और क्यूरिंग: उत्पादों को एयर-ड्राई या ओवन में सुखाएं।
डाईंग और कोटिंग (वैकल्पिक): उत्पादों को रंगने और फिनिशिंग देने के लिए।
ट्रिमिंग और फिनिशिंग: उत्पाद को सही आकार में काटें और चिकना करें।
पैकेजिंग: तैयार उत्पादों को बिक्री के लिए पैक करें।
8. कुल निवेश और लागत
मशीनरी: ₹20–₹30 लाख।
कच्चा माल: ₹5–₹10 लाख (प्रारंभिक स्टॉक)।
इंफ्रास्ट्रक्चर: ₹15–₹20 लाख (भूमि, भवन, उपयोगिताएँ)।
वर्किंग कैपिटल: ₹10–₹15 लाख (मजदूरी, बिजली, कच्चा माल खरीद)।
अन्य खर्चे: ₹2–₹5 लाख (लाइसेंस, मार्केटिंग, आदि)।
कुल निवेश: ₹50–₹80 लाख (छोटे से मध्यम स्तर की यूनिट के लिए)।
9. लाभ और कमाई
उत्पादन लागत: प्रति कोयर उत्पाद ₹30–₹50 (उत्पाद के आकार और डिज़ाइन पर निर्भर)।
बिक्री मूल्य: ₹60–₹100 प्रति उत्पाद।
लाभ मार्जिन: ~50–70%।
10. सरकारी सहायता और फंडिंग
निम्न योजनाओं के तहत लोन लें:
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)।
क्रेडिट गारंटी फंड (CGTMSE)।
पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों के लिए सरकारी सब्सिडी प्राप्त करें।
11. मार्केटिंग और बिक्री
ईको-फ्रेंडली ब्रांडिंग पर ध्यान दें।
साझेदारी करें:
नर्सरी और गार्डन स्टोर्स।
निर्यातकों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (अमेज़न, एटसी)।
लैंडस्केपिंग कंपनियों के साथ।
प्रदर्शनी और मेलों में भाग लें।
ऑनलाइन उपस्थिति बनाएं (वेबसाइट और सोशल मीडिया मार्केटिंग)।