Setting up a Chikankari (hand embroidery) work unit involves organizing artisans, raw materials, infrastructure, and marketing for this traditional embroidery art.
1. Feasibility Study and Market Research For Plant of Chikankari Work Unit
Understand the Market
Identify demand for Chikankari in your target regions (domestic and international).
Study trends in fashion and home decor incorporating Chikankari embroidery.
Research competitors and their pricing models.
Target Customers
Fashion boutiques and designers.
Export markets (Europe, the USA, Middle East).
Online platforms (e-commerce websites like Amazon, Flipkart, or your own website).
Cost: INR 30,000 – 1,00,000 for surveys and studies.
2. Business Setup and Legal ComplianceFor Plant of Chikankari Work Unit
Legal Requirements
Business Registration: Register as a sole proprietorship, LLP, or Pvt Ltd.
Cost: INR 10,000 – 25,000.
GST Registration.
Trademark Registration (optional): Protect your brand name and logo.
Cost: INR 5,000 – 15,000.
Export License (IEC Code): If targeting international markets.
Cost: INR 10,000 – 15,000.
Total Compliance Cost: INR 25,000 – 55,000.
3. Location and InfrastructureFor Plant of Chikankari Work Unit
Workplace Setup
Space Needed: 1000–2000 sq. ft. (for storage, embroidery workstations, cutting and stitching, and packaging).
Location:
Choose a location near Chikankari artisan communities like Lucknow for access to skilled workers.
Ensure the area has reliable electricity, water, and ventilation.
Workspace Layout
Embroidery workstation for artisans.
Cutting and tailoring section.
Raw material storage area.
Quality control and packaging area.
Cost: INR 5,00,000 – 10,00,000 (rent and setup).
4. Recruitment and TrainingFor Plant of Chikankari Work Unit
Artisan Recruitment
Hire skilled Chikankari artisans.
Payment Model:
Piece-rate Basis: Payment based on the complexity of the design (INR 50–500 per piece).
Monthly Salary: INR 8,000–15,000 per artisan.
Recruit support staff for quality checks, tailoring, and packaging.
Training
Train artisans in modern designs and techniques to complement traditional patterns.
Conduct workshops to improve quality and efficiency.
11. ConsiderationsFor Plant of Chikankari Work Unit
Artisan Welfare: Provide fair wages and a good working environment.
Quality Assurance: Maintain consistency in craftsmanship and material quality.
Diversification: Introduce new designs and products regularly.
Sustainability: Use eco-friendly materials and practices to appeal to conscious buyers.
चिकनकारी (हाथ की कढ़ाई) कार्य इकाई स्थापित करने में इस पारंपरिक कढ़ाई कला के लिए कारीगरों, कच्चे माल, बुनियादी ढांचे और विपणन को व्यवस्थित करना शामिल है।
चिकनकारी कार्य इकाई के संयंत्र के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और बाजार अनुसंधान
बाजार को समझें
अपने लक्षित क्षेत्रों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) में चिकनकारी की मांग की पहचान करें।
चिकनकारी कढ़ाई को शामिल करते हुए फैशन और घर की सजावट के रुझानों का अध्ययन करें।
प्रतिस्पर्धियों और उनके मूल्य निर्धारण मॉडल पर शोध करें।
लक्षित ग्राहक
फैशन बुटीक और डिजाइनर।
निर्यात बाजार (यूरोप, यूएसए, मध्य पूर्व)।
ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म (अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट या आपकी अपनी वेबसाइट)।
लागत: सर्वेक्षण और अध्ययन के लिए INR 30,000 – 1,00,000।
चिकनकारी वर्क यूनिट के प्लांट के लिए व्यवसाय सेटअप और कानूनी अनुपालन
कानूनी आवश्यकताएँ
व्यवसाय पंजीकरण: एकल स्वामित्व, एलएलपी या प्राइवेट लिमिटेड के रूप में पंजीकरण करें।
लागत: INR 10,000 – 25,000।
जीएसटी पंजीकरण।
ट्रेडमार्क पंजीकरण (वैकल्पिक): अपने ब्रांड नाम और लोगो की सुरक्षा करें।
लागत: INR 5,000 – 15,000।
निर्यात लाइसेंस (आईईसी कोड): यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों को लक्षित किया जा रहा है।
लागत: INR 10,000 – 15,000।
कुल अनुपालन लागत: INR 25,000 – 55,000।
चिकनकारी वर्क यूनिट के प्लांट के लिए स्थान और बुनियादी ढाँचा
कार्यस्थल सेटअप
आवश्यक स्थान: 1000-2000 वर्ग फीट (भंडारण, कढ़ाई कार्यस्थान, कटिंग और सिलाई, और पैकेजिंग के लिए)।
स्थान:
कुशल श्रमिकों तक पहुँच के लिए लखनऊ जैसे चिकनकारी कारीगर समुदायों के पास एक स्थान चुनें।
सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में विश्वसनीय बिजली, पानी और वेंटिलेशन हो।
कार्यस्थल लेआउट
कारीगरों के लिए कढ़ाई कार्य केंद्र।
काटने और सिलाई अनुभाग।
कच्चे माल का भंडारण क्षेत्र।
गुणवत्ता नियंत्रण और पैकेजिंग क्षेत्र।
लागत: INR 5,00,000 – 10,00,000 (किराया और सेटअप)।
चिकनकारी कार्य इकाई के संयंत्र के लिए भर्ती और प्रशिक्षण
कारीगर भर्ती
कुशल चिकनकारी कारीगरों को काम पर रखें।
भुगतान मॉडल:
टुकड़ा-दर आधार: डिजाइन की जटिलता के आधार पर भुगतान (INR 50-500 प्रति टुकड़ा)।
मासिक वेतन: INR 8,000-15,000 प्रति कारीगर।
गुणवत्ता जाँच, सिलाई और पैकेजिंग के लिए सहायक कर्मचारियों की भर्ती करें।
प्रशिक्षण
पारंपरिक पैटर्न के पूरक के रूप में कारीगरों को आधुनिक डिज़ाइन और तकनीकों में प्रशिक्षित करें।
गुणवत्ता और दक्षता में सुधार के लिए कार्यशालाएँ आयोजित करें।
मासिक कारीगर लागत: INR 1,00,000 – 3,00,000 (कार्यबल के आकार पर निर्भर करता है)।
चिकनकारी कार्य इकाई के संयंत्र के लिए कच्चा माल
आवश्यक सामग्री
कपड़ा:
कपास, जॉर्जेट, शिफॉन, रेशम, आदि।
लागत: INR 100 – 500 प्रति मीटर (गुणवत्ता के आधार पर)।
कढ़ाई के धागे:
विभिन्न रंगों में कपास, रेशम, या पॉलिएस्टर धागे।
लागत: INR 50 – 200 प्रति स्पूल।
सुई: विभिन्न आकारों की कढ़ाई सुई।
लागत: INR 100 – 300 प्रति सेट।
ट्रेसिंग और पैटर्न:
ट्रेसिंग के लिए बटर पेपर पर मुद्रित डिज़ाइन।
लागत: INR 20 – 50 प्रति डिज़ाइन।
सिलाई सहायक उपकरण:
तैयार कपड़ों की सिलाई के लिए सिलाई मशीनें।
लागत: प्रति मशीन 15,000 – 25,000 रुपये।
मासिक कच्चे माल की लागत: 50,000 – 2,00,000 रुपये।
चिकनकारी कार्य इकाई के संयंत्र के लिए उपकरण और औजार
आवश्यक उपकरण
कढ़ाई फ्रेम (लकड़ी या धातु के हुप्स):
लागत: 100 – 500 रुपये प्रति फ्रेम।
सिलाई मशीनें:
लागत: 15,000 – 25,000 रुपये प्रति इकाई।
काटने के उपकरण (कैंची, रोटरी कटर):
लागत: 500 – 2,000 रुपये प्रति सेट।
इस्त्री और परिष्करण उपकरण:
स्टीम आयरन और हीट प्रेस।
लागत: 10,000 – 20,000 रुपये।
कुल उपकरण लागत: 50,000 – 2,00,000 रुपये।
चिकनकारी वर्क यूनिट के प्लांट के लिए उत्पादन प्रक्रिया
डिज़ाइन चयन:
बाजार के रुझान और ग्राहकों की पसंद के आधार पर पैटर्न चुनें।
ट्रेसिंग:
ट्रेसिंग टूल का उपयोग करके कपड़े पर डिज़ाइन ट्रांसफ़र करें।
कढ़ाई:
कारीगर चिकनकारी तकनीक का उपयोग करके कपड़े पर कढ़ाई करते हैं।
धुलाई और फ़िनिशिंग:
ट्रेसिंग के निशान हटाने और साफ़ फ़िनिशिंग सुनिश्चित करने के लिए कपड़े को धोएँ।
सिलाई और टेलरिंग:
कढ़ाई वाले कपड़े को कपड़ों या घर की सजावट की चीज़ों में बदलें।
गुणवत्ता जाँच:
उत्पादों की स्थिरता और गुणवत्ता की जाँच करें।
पैकेजिंग:
आकर्षक, पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग में पैक करें।
ब्रांडिंग और मार्केटिंग
ब्रांडिंग
एक अनूठी ब्रांड पहचान (लोगो, पैकेजिंग, टैग) विकसित करें।
लागत: INR 50,000 – 1,00,000।
चिकनकारी के सांस्कृतिक और कारीगरी पहलू को उजागर करें।
मार्केटिंग
ऑनलाइन उपस्थिति:
अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक वेबसाइट बनाएँ।
मासिक लागत: INR 10,000 – 50,000 (वेबसाइट रखरखाव, विज्ञापन)।
सोशल मीडिया मार्केटिंग:
डिज़ाइन दिखाने के लिए Instagram और Facebook जैसे प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें।
मासिक लागत: INR 20,000 – 1,00,000।
ऑफ़लाइन चैनल:
बुटीक के साथ सहयोग करें और प्रदर्शनियों में भाग लें।