Setting up a manufacturing plant for coffee-flavored milk involves processing milk, infusing coffee flavor, and packaging the final product in a way that ensures shelf stability and consumer appeal.
1. Conduct Market Research For Plant Coffee Flavoured Milk
Target Audience: Identify demand from coffee enthusiasts, health-conscious consumers, and students.
Competition: Study competitors producing similar products like cold brews, flavored milk, or ready-to-drink coffee beverages.
Product Positioning: Decide if the product will target the premium segment or mass market.
2. Develop a Business PlanFor Plant Coffee Flavoured Milk
Production Scale: Determine production capacity (e.g., 1,000 liters/day, 5,000 liters/day).
Budgeting: Estimate the capital and operational costs, including equipment, raw materials, and marketing.
Revenue Projection: Price coffee-flavored milk between ₹20–₹50 per 200ml bottle.
3. Select a Suitable Location
Proximity to Raw Materials: Ensure access to fresh milk and coffee.
Utilities: Choose a location with stable power, water supply, and good transport links.
Regulatory Compliance: Ensure zoning for food processing.
4. Obtain Licenses and Approvals
Business Registration: Register the company under MSME or as a private limited firm.
FSSAI License: Essential for food safety compliance.
GST Registration: For taxation compliance.
Trademark Registration: Protect the brand identity.
Environmental Clearance: Ensure safe disposal of waste.
5. Procure Raw MaterialsFor Plant Coffee Flavoured Milk
Fresh Milk: Full-fat or toned milk, sourced locally from dairy farms.
Coffee: High-quality coffee powder, extract, or concentrate.
Sweeteners: Sugar, natural sweeteners, or artificial alternatives like stevia.
Flavor Enhancers: Vanilla or chocolate for premium variants.
Preservatives: If required, use food-safe preservatives to extend shelf life.
Packaging Materials: Tetra packs, PET bottles, or glass bottles.
Milk Reception Area: For raw milk collection and quality checks.
Processing Area: Milk pasteurization, mixing, and flavor infusion.
Packaging Section: For filling and sealing bottles or packs.
Storage Area: For finished goods and raw materials.
b) Procure Equipment
Milk Reception Tank
Purpose: Collect and store raw milk.
Cost: ₹2–₹5 lakhs.
Milk Pasteurizer
Purpose: Heat milk to eliminate bacteria.
Cost: ₹10–₹20 lakhs.
Homogenizer
Purpose: Ensure uniform texture and prevent cream separation.
Cost: ₹5–₹10 lakhs.
Mixing Tank
Purpose: Blend coffee flavor, sweeteners, and milk.
Cost: ₹5–₹8 lakhs.
Cooling System
Purpose: Quickly cool the mixture to maintain freshness.
Cost: ₹5–₹10 lakhs.
Filling and Packaging Machine
Purpose: Fill bottles or packs with flavored milk.
Cost: ₹10–₹30 lakhs.
Sterilizer (Optional)
Purpose: Ensure aseptic packaging for long shelf life.
Cost: ₹10–₹20 lakhs.
c) Utilities
Water Supply: For cleaning and processing.
Electricity Backup: To prevent downtime.
7. Production ProcessFor Plant Coffee Flavoured Milk
Milk Reception and Testing
Collect raw milk and test for quality parameters like fat and protein content.
Pasteurization
Heat milk to eliminate pathogens while preserving nutrients.
Flavor Preparation
Prepare a coffee concentrate or blend coffee powder with water.
Mixing
Combine pasteurized milk with coffee flavor, sweeteners, and optional additives in a mixing tank.
Homogenization
Ensure a uniform texture and consistency.
Cooling
Rapidly cool the mixture to around 4°C.
Filling and Packaging
Fill into sterilized bottles or tetra packs using an automated filling machine.
Storage and Distribution
Store in cold storage until dispatched to retailers or distributors.
8. Quality ControlFor Plant Coffee Flavoured Milk
Microbiological Testing: Ensure the product is free of harmful bacteria.
Consistency Testing: Verify uniform texture and flavor.
Shelf-Life Testing: Test for stability over time.
FSSAI Compliance: Adhere to food safety standards.
9. Marketing and Distribution
Branding: Highlight features like “natural ingredients,” “low fat,” or “high protein.”
Retail Channels: Sell through supermarkets, convenience stores, and e-commerce platforms.
Export Opportunities: Target markets in countries where ready-to-drink coffee is popular.
Promotions: Use social media campaigns, influencer endorsements, and sampling at events.
10. Cost Estimation in India
Item
Cost (₹)
Land and Building (1,000–2,000 sq. ft.)
10–20 lakhs
Machinery and Equipment
50–80 lakhs
Raw Materials (Milk, Coffee, etc.)
1–3 lakhs/month
Labor (10–15 workers)
1–2 lakhs/month
Utilities (Electricity, Water)
50,000–1 lakh/month
Packaging Materials
1–2 lakhs/month
Licenses and Approvals
1–3 lakhs
Marketing and Miscellaneous
3–5 lakhs
11. Total InvestmentFor Plant Coffee Flavoured Milk
Small-Scale Plant: ₹30–₹50 lakhs.
Medium-Scale Plant: ₹50 lakhs–₹1 crore.
Large-Scale Plant: Over ₹1 crore, depending on automation and scale.
12. ProfitabilityFor Plant Coffee Flavoured Milk
Production Cost per Liter: ₹40–₹70.
Selling Price per Liter: ₹100–₹150 (depending on market positioning).
Daily Production (1,000 liters): Potential revenue of ₹1–₹1.5 lakhs.
Profit Margin: 40–50%.
कॉफी-फ्लेवर वाले दूध के लिए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने में दूध को संसाधित करना, कॉफी का स्वाद मिलाना और अंतिम उत्पाद को इस तरह से पैक करना शामिल है जिससे शेल्फ स्थिरता और उपभोक्ता अपील सुनिश्चित हो सके।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए बाजार अनुसंधान करें
लक्षित दर्शक: कॉफी के शौकीनों, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं और छात्रों की मांग की पहचान करें।
प्रतिस्पर्धा: कोल्ड ब्रू, फ्लेवर्ड मिल्क या रेडी-टू-ड्रिंक कॉफी पेय जैसे समान उत्पाद बनाने वाले प्रतिस्पर्धियों का अध्ययन करें।
उत्पाद की स्थिति: तय करें कि उत्पाद प्रीमियम सेगमेंट या बड़े पैमाने पर बाजार को लक्षित करेगा।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए व्यवसाय योजना विकसित करें
उत्पादन पैमाना: उत्पादन क्षमता निर्धारित करें (उदाहरण के लिए, 1,000 लीटर/दिन, 5,000 लीटर/दिन)।
बजट बनाना: उपकरण, कच्चे माल और विपणन सहित पूंजी और परिचालन लागत का अनुमान लगाएं।
राजस्व अनुमान: कॉफी-फ्लेवर वाले दूध की कीमत ₹20-₹50 प्रति 200 मिलीलीटर बोतल के बीच रखें।
उपयुक्त स्थान चुनें
कच्चे माल से निकटता: ताजा दूध और कॉफी तक पहुंच सुनिश्चित करें।
उपयोगिताएँ: स्थिर बिजली, पानी की आपूर्ति और अच्छे परिवहन लिंक वाला स्थान चुनें।
नियामक अनुपालन: खाद्य प्रसंस्करण के लिए ज़ोनिंग सुनिश्चित करें।
लाइसेंस और अनुमोदन प्राप्त करें
व्यवसाय पंजीकरण: कंपनी को एमएसएमई या एक निजी लिमिटेड फर्म के रूप में पंजीकृत करें।
एफएसएसएआई लाइसेंस: खाद्य सुरक्षा अनुपालन के लिए आवश्यक।
जीएसटी पंजीकरण: कराधान अनुपालन के लिए।
ट्रेडमार्क पंजीकरण: ब्रांड पहचान की रक्षा करें।
पर्यावरण मंजूरी: कचरे का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करें।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए कच्चे माल की खरीद करें
ताजा दूध: डेयरी फार्म से स्थानीय रूप से प्राप्त पूर्ण वसा या टोंड दूध।
कॉफी: उच्च गुणवत्ता वाला कॉफी पाउडर, अर्क या सांद्रण।
स्वीटनर: चीनी, प्राकृतिक स्वीटनर, या स्टेविया जैसे कृत्रिम विकल्प।
स्वाद बढ़ाने वाले: प्रीमियम वेरिएंट के लिए वेनिला या चॉकलेट।
परिरक्षक: यदि आवश्यक हो, तो शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए खाद्य-सुरक्षित परिरक्षकों का उपयोग करें।
पैकेजिंग सामग्री: टेट्रा पैक, पीईटी बोतलें, या कांच की बोतलें।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए विनिर्माण इकाई
a) लेआउट डिज़ाइन
दूध रिसेप्शन क्षेत्र: कच्चे दूध के संग्रह और गुणवत्ता जांच के लिए।
प्रसंस्करण क्षेत्र: दूध का पाश्चरीकरण, मिश्रण और स्वाद का आसव।
पैकेजिंग अनुभाग: बोतलों या पैक को भरने और सील करने के लिए।
भंडारण क्षेत्र: तैयार माल और कच्चे माल के लिए।
b) उपकरण खरीदें
दूध रिसेप्शन टैंक
उद्देश्य: कच्चा दूध इकट्ठा करना और स्टोर करना।
लागत: ₹2–₹5 लाख।
दूध पाश्चराइज़र
उद्देश्य: बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए दूध को गर्म करना।
लागत: ₹10–₹20 लाख।
होमोजेनाइज़र
उद्देश्य: एक समान बनावट सुनिश्चित करना और क्रीम को अलग होने से रोकना।
लागत: ₹5–₹10 लाख।
मिक्सिंग टैंक
उद्देश्य: कॉफी फ्लेवर, स्वीटनर और दूध को ब्लेंड करना।
लागत: ₹5–₹8 लाख।
कूलिंग सिस्टम
उद्देश्य: मिश्रण को जल्दी ठंडा करना ताकि इसकी ताजगी बनी रहे।
लागत: ₹5–₹10 लाख।
फिलिंग और पैकेजिंग मशीन
उद्देश्य: फ्लेवर्ड मिल्क से बोतल या पैक भरना।
लागत: ₹10–₹30 लाख।
स्टेरलाइजर (वैकल्पिक)
उद्देश्य: लंबे समय तक रखने के लिए एसेप्टिक पैकेजिंग सुनिश्चित करना।
लागत: ₹10–₹20 लाख।
c) उपयोगिताएँ
पानी की आपूर्ति: सफाई और प्रसंस्करण के लिए।
बिजली बैकअप: डाउनटाइम को रोकने के लिए।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए उत्पादन प्रक्रिया
दूध का रिसेप्शन और परीक्षण
कच्चा दूध इकट्ठा करें और वसा और प्रोटीन सामग्री जैसे गुणवत्ता मापदंडों के लिए परीक्षण करें।
पाश्चराइजेशन
पोषक तत्वों को संरक्षित करते हुए रोगाणुओं को खत्म करने के लिए दूध को गर्म करें।
स्वाद तैयार करना
कॉफी कॉन्संट्रेट तैयार करें या कॉफी पाउडर को पानी के साथ ब्लेंड करें।
मिलाना
एक मिक्सिंग टैंक में पाश्चराइज्ड दूध को कॉफी फ्लेवर, स्वीटनर और वैकल्पिक एडिटिव्स के साथ मिलाएं।
होमोजेनाइजेशन
एक समान बनावट और स्थिरता सुनिश्चित करें।
ठंडा करना
मिश्रण को तेजी से लगभग 4°C तक ठंडा करें।
भरना और पैकेजिंग
स्वचालित फिलिंग मशीन का उपयोग करके स्टेरलाइज्ड बोतलों या टेट्रा पैक में भरें।
भंडारण और वितरण
खुदरा विक्रेताओं या वितरकों को भेजे जाने तक कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करें।
प्लांट कॉफी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए गुणवत्ता नियंत्रण
सूक्ष्मजीववैज्ञानिक परीक्षण: सुनिश्चित करें कि उत्पाद हानिकारक बैक्टीरिया से मुक्त है।
संगति परीक्षण: एक समान बनावट और स्वाद की पुष्टि करें।
शेल्फ-लाइफ परीक्षण: समय के साथ स्थिरता के लिए परीक्षण करें।
FSSAI अनुपालन: खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करें।
मार्केटिंग और वितरण
ब्रांडिंग: “प्राकृतिक सामग्री,” “कम वसा,” या “उच्च प्रोटीन” जैसी विशेषताओं को हाइलाइट करें।
रिटेल चैनल: सुपरमार्केट, सुविधा स्टोर और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बेचें।
निर्यात के अवसर: उन देशों के बाज़ारों को लक्षित करें जहाँ रेडी-टू-ड्रिंक कॉफ़ी लोकप्रिय है।
प्रचार: सोशल मीडिया अभियान, प्रभावशाली विज्ञापन और इवेंट में सैंपलिंग का उपयोग करें।
भारत में लागत अनुमान
आइटमलागत (₹)
भूमि और भवन (1,000–2,000 वर्ग फीट)10–20 लाख
मशीनरी और उपकरण50–80 लाख
कच्चा माल (दूध, कॉफी, आदि)1–3 लाख/माह
श्रम (10–15 कर्मचारी)1–2 लाख/माह
उपयोगिताएँ (बिजली, पानी)50,000–1 लाख/माह
पैकेजिंग सामग्री1–2 लाख/माह
लाइसेंस और स्वीकृति1–3 लाख
मार्केटिंग और विविध3–5 लाख
प्लांट कॉफ़ी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए कुल निवेश
छोटे पैमाने का प्लांट: ₹30–₹50 लाख।
मध्यम पैमाने का प्लांट: ₹50 लाख–₹1 करोड़।
बड़े पैमाने का प्लांट: ₹1 करोड़ से ज़्यादा, ऑटोमेशन और स्केल पर निर्भर करता है।
प्लांट कॉफ़ी फ्लेवर्ड मिल्क के लिए मुनाफ़ा
प्रति लीटर उत्पादन लागत: ₹40–₹70।
प्रति लीटर बिक्री मूल्य: ₹100–₹150 (बाज़ार की स्थिति पर निर्भर करता है)।
दैनिक उत्पादन (1,000 लीटर): संभावित राजस्व ₹1–₹1.5 लाख।
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