MSME Registration: For availing subsidies and benefits.
Pollution Control Clearance: For medium or large-scale units.
7. Production ProcessFor Plant of Namkeen/ Farsan
Raw Material Preparation: Cleaning and sieving of raw materials.
Mixing: Mixing flours, spices, and water to prepare dough.
Shaping: Using dough-cutting machines for specific Namkeen types.
Frying: Frying in controlled temperatures for consistent quality.
Seasoning: Adding spices and flavors after cooling.
Packaging: Packing in airtight, attractive packaging to maintain freshness.
8. Estimated CostsFor Plant of Namkeen/ Farsan
a. Capital Expenditure
Component
Estimated Cost (₹)
Land and Building
₹5,00,000 – ₹15,00,000
Machinery
₹10,00,000 – ₹25,00,000
Initial Stock
₹2,00,000 – ₹5,00,000
Miscellaneous
₹2,00,000 – ₹5,00,000
b. Operational Costs (Monthly)
Component
Estimated Cost (₹)
Raw Materials
₹1,00,000 – ₹3,00,000
Labor (5-10 workers)
₹50,000 – ₹1,50,000
Utilities
₹20,000 – ₹50,000
Marketing and Transport
₹50,000 – ₹1,00,000
Total Investment:
Small-Scale Unit: ₹15,00,000 – ₹30,00,000.
Medium-Scale Unit: ₹30,00,000 – ₹60,00,000.
9. Marketing StrategiesFor Plant of Namkeen/ Farsan
Retail Distribution: Tie up with grocery stores and supermarkets.
E-Commerce: List products on Amazon, Flipkart, and local grocery platforms.
Wholesale Supply: Sell to distributors for bulk orders.
Branding: Invest in attractive packaging and advertising.
Export Opportunities: Cater to NRIs and international markets.
10. ProfitabilityFor Plant of Namkeen/ Farsan
Revenue Potential:
Monthly revenue: ₹2,00,000 – ₹10,00,000 (depending on scale and demand).
Profit margin: 20-30% (after accounting for all costs).
11. Government Subsidies and Support
PMEGP (Prime Minister’s Employment Generation Programme): For loans and subsidies.
NABARD Assistance: For food processing units.
Ministry of Food Processing Industries (MoFPI): Provides grants and technical support.
भारत में नमकीन या फरसान का निर्माण संयंत्र स्थापित करना एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, क्योंकि इन उत्पादों की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हमेशा बनी रहती है।
1. अध्ययन और बाजार अनुसंधान (Feasibility Study and Market Research)
यह तय करें कि आप कौन-कौन से नमकीन बनाएंगे, जैसे:
भुजिया, सेव, मिक्सचर, चिवड़ा, पापड़ी, चकली, आदि।
लोकल, नेशनल और इंटरनेशनल बाजार में इनकी मांग और प्रतिस्पर्धा का अध्ययन करें।
उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां कच्चे माल और उत्पादों की अधिक मांग है।
2. व्यवसाय योजना (Business Plan)
अपने व्यवसाय के उद्देश्य, उत्पादों की रेंज और उत्पादन क्षमता को परिभाषित करें।
कुल लागत का आकलन करें:
प्रारंभिक लागत (भूमि, भवन, मशीनरी)।
संचालन लागत (कच्चा माल, श्रम, बिजली)।
फंडिंग के लिए बैंक लोन, सरकारी योजनाएं (जैसे PMEGP, MSME) या निवेशकों से संपर्क करें।
3. स्थान और इंफ्रास्ट्रक्चर (Location and Infrastructure)
स्थान (Location)
ऐसी जगह चुनें जहां बिजली, पानी, और परिवहन की सुविधा हो।
स्थानीय बाजार, वितरकों और थोक विक्रेताओं तक आसान पहुंच होनी चाहिए।
इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure)
उत्पादन क्षेत्र (Processing Area)।
पैकेजिंग और स्टोरेज क्षेत्र।
प्रशासनिक कार्यालय।
साफ-सफाई और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए उचित वेंटिलेशन और जगह।
4. मशीनरी और उपकरण (Machinery and Equipment)
मिक्सिंग मशीन: आटे और मसालों को मिलाने के लिए।
फ्राईर मशीन: गैस या इलेक्ट्रिक फ्रायर, बैच या कंटिन्यूअस फ्राईर।
ऑयल फिल्टर मशीन: तेल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए।
सीज़निंग मशीन: मसाले और स्वाद समान रूप से मिलाने के लिए।
कूलिंग कन्वेयर: फ्राई करने के बाद नमकीन ठंडा करने के लिए।