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How to Setup a Manufacturing Plant of Gunny Bags?

How to Setup a Manufacturing Plant of Gunny Bags?

Setting up a manufacturing plant for gunny bags involves processes for weaving, stitching, and finishing jute or similar fiber-based bags.

1. Understand the Market For Plant of Gunny Bags

  • Market Demand:
    • Gunny bags are widely used in agriculture, packaging of grains, sugar, rice, and other commodities.
    • Eco-friendly nature makes them popular amid growing bans on plastic.
  • Target Customers: Farmers, wholesale distributors, export markets, and industries requiring bulk packaging.

2. Plant Location For Plant of Gunny Bags

  • Area Required:
    • Small-scale: 2,000–3,000 sq. ft.
    • Medium-scale: 5,000–10,000 sq. ft.
  • Location Considerations:
    • Proximity to jute suppliers (e.g., West Bengal, Bihar, Orissa).
    • Well-connected for raw material supply and finished goods transport.
  • Cost:
    • Rental: ₹20,000–₹80,000 per month.
    • Land Purchase: ₹10–₹30 lakh (depending on location).

3. Licensing and Registration

  • Essential Licenses:
    • MSME Registration: Free or nominal cost.
    • GST Registration: ₹2,000–₹5,000.
    • Factory License: ₹5,000–₹20,000.
    • Pollution Control Certificate (if dyeing is involved): ₹10,000–₹50,000.
    • Trademark Registration (optional for branding): ₹10,000–₹15,000.
    • Import-Export Code (for exporting): ₹5,000–₹10,000.

4. Raw Materials For Plant of Gunny Bags

  • Primary Material:
    • Jute fabric rolls or jute yarn: ₹70–₹100 per kg.
  • Additional Materials:
    • Cotton thread for stitching.
    • Synthetic coatings (optional for lamination).
    • Printing inks for branding or labeling.
    • Packaging material.

Initial Raw Material Cost: ₹5–₹10 lakh for small-scale production.

5. Machinery and Equipment For Plant of Gunny Bags

  1. Jute Spinning Machine: Converts raw jute fiber into yarn.
    • Cost: ₹5–₹10 lakh.
  2. Jute Looms (Weaving Machine): Weaves yarn into fabric.
    • Semi-automatic: ₹6–₹15 lakh.
    • Fully automatic: ₹20–₹50 lakh.
  3. Cutting Machine: Cuts fabric into desired bag sizes.
    • Cost: ₹2–₹5 lakh.
  4. Stitching Machine: Stitches edges and creates bag shapes.
    • Manual: ₹20,000–₹50,000 each.
    • Automatic: ₹2–₹3 lakh.
  5. Printing Machine: Prints logos, branding, or instructions on bags.
    • Cost: ₹5–₹10 lakh.
  6. Lamination Machine (optional): Adds a protective coating to bags.
    • Cost: ₹4–₹8 lakh.
  7. Material Handling Equipment: Trolleys, conveyors, and storage racks.
    • Cost: ₹1–₹3 lakh.

Total Machinery Cost: ₹30–₹70 lakh for medium-scale production.

6. Utilities and Infrastructure

  • Electricity: Industrial connection, 20–50 kW capacity.
    • Cost: ₹2–₹5 lakh for setup.
  • Water Supply: Required for processing and cleaning.
    • Cost: ₹20,000–₹50,000.
  • Ventilation and Dust Control: ₹2–₹5 lakh.
  • Furniture and Fixtures: ₹1–₹2 lakh.
  • Storage Area: Well-organized racks and space for raw material and finished goods.

7. Workforce For Plant of Gunny Bags

  • Required Personnel:
    • Machine Operators: 4–6 (₹10,000–₹15,000/month each).
    • Stitchers: 2–3 (₹8,000–₹12,000/month each).
    • Supervisor: 1 (₹20,000/month).
    • Administrative Staff: 1 (₹15,000/month).
    • Unskilled Labor (loading/unloading): 3–4 (₹7,000–₹10,000/month each).

Monthly Workforce Expense: ₹1.5–₹3 lakh.

8. Manufacturing Process

  1. Raw Material Preparation: Jute fiber is spun into yarn.
  2. Weaving: Jute yarn is woven into fabric using looms.
  3. Cutting: Fabric is cut to size using cutting machines.
  4. Stitching: Cut pieces are stitched into bags.
  5. Printing (Optional): Logos or branding are added using printing machines.
  6. Lamination (Optional): Bags are coated for water resistance.
  7. Inspection: Quality control checks are conducted.
  8. Packaging: Finished bags are packed for transport.

9. Packaging and Branding

  • Packaging Material: Plastic wraps, cartons, or bundling ropes.
  • Cost: ₹5–₹15 per bag.
  • Branding and Marketing:
    • Logo design, labels, website: ₹1–₹3 lakh.
    • Advertising to target markets: ₹50,000–₹1 lakh.

10. Total Cost Estimate For Plant of Gunny Bags

ComponentCost (₹)
Land and Infrastructure₹10–₹30 lakh
Machinery and Equipment₹30–₹70 lakh
Raw Materials (Initial Stock)₹5–₹10 lakh
Licenses and Legal₹1–₹2 lakh
Utilities and Infrastructure₹2–₹5 lakh
Workforce (3 months)₹4.5–₹9 lakh
Packaging and Branding₹1.5–₹4 lakh
Total₹54–₹130 lakh

11. Revenue Potential For Plant of Gunny Bags

  • Selling Price:
    • Basic gunny bags: ₹30–₹50 each.
    • Laminated or branded gunny bags: ₹50–₹100 each.
  • Production Capacity:
    • Small-scale: 5,000–10,000 bags/month.
    • Revenue: ₹2–₹5 lakh/month.
    • Medium-scale: 20,000–50,000 bags/month.
    • Revenue: ₹10–₹25 lakh/month.

12. Profit Margin For Plant of Gunny Bags

  • Gross Profit Margin: 20–30% after covering raw material, utilities, and workforce expenses.
  • Break-even Period: 12–18 months (depending on scale and efficiency).

13. Considerations For Plant of Gunny Bags

  • Quality Assurance: Consistent quality is critical to gain market trust.
  • Sustainability: Use biodegradable materials to attract eco-conscious customers.
  • Diversification: Expand to other jute products like shopping bags, sacks, or decorative items.
  • Government Support: Look for subsidies and incentives for jute industries under state and central government schemes.

बोरियों के लिए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने में जूट या इसी तरह के फाइबर-आधारित बैगों की बुनाई, सिलाई और परिष्करण की प्रक्रियाएँ शामिल हैं।

  1. बोरियों के संयंत्र के लिए बाजार को समझें

बाजार की मांग:

  • बोरियों का व्यापक रूप से कृषि, अनाज, चीनी, चावल और अन्य वस्तुओं की पैकेजिंग में उपयोग किया जाता है।
  • प्लास्टिक पर बढ़ते प्रतिबंधों के बीच पर्यावरण के अनुकूल प्रकृति उन्हें लोकप्रिय बनाती है।
  • लक्षित ग्राहक: किसान, थोक वितरक, निर्यात बाजार और थोक पैकेजिंग की आवश्यकता वाले उद्योग।
  1. बोरियों के संयंत्र के लिए संयंत्र का स्थान

आवश्यक क्षेत्र:

  • छोटा-पैमाना: 2,000-3,000 वर्ग फीट
  • मध्यम-पैमाना: 5,000-10,000 वर्ग फीट

स्थान संबंधी विचार:

  • जूट आपूर्तिकर्ताओं (जैसे, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा) से निकटता।
  • कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल के परिवहन के लिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ।

लागत:

  • किराया: ₹20,000–₹80,000 प्रति माह।
  • भूमि खरीद: ₹10–₹30 लाख (स्थान के आधार पर)।
  1. लाइसेंसिंग और पंजीकरण

आवश्यक लाइसेंस:

  • MSME पंजीकरण: निःशुल्क या नाममात्र लागत।
  • जीएसटी पंजीकरण: ₹2,000–₹5,000।
  • फ़ैक्टरी लाइसेंस: ₹5,000–₹20,000।
  • प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (यदि रंगाई शामिल है): ₹10,000–₹50,000।
  • ट्रेडमार्क पंजीकरण (ब्रांडिंग के लिए वैकल्पिक): ₹10,000–₹15,000।
  • आयात-निर्यात कोड (निर्यात के लिए): ₹5,000–₹10,000।
  1. बोरियों के प्लांट के लिए कच्चा माल

प्राथमिक सामग्री:

  • जूट के कपड़े के रोल या जूट का धागा: ₹70–₹100 प्रति किलोग्राम।
  • अतिरिक्त सामग्री:
  • सिलाई के लिए सूती धागा।
  • सिंथेटिक कोटिंग (लेमिनेशन के लिए वैकल्पिक)।
  • ब्रांडिंग या लेबलिंग के लिए प्रिंटिंग स्याही।
  • पैकेजिंग सामग्री।
  • शुरुआती कच्चे माल की लागत: छोटे पैमाने पर उत्पादन के लिए ₹5–₹10 लाख।
  1. बोरियों के प्लांट के लिए मशीनरी और उपकरण
  • जूट स्पिनिंग मशीन: कच्चे जूट के रेशे को धागे में बदलती है।
  • लागत: ₹5–₹10 लाख।
  • जूट लूम (बुनाई मशीन): धागे को कपड़े में बुनती है।
  • अर्ध-स्वचालित: ₹6–₹15 लाख।
  • पूरी तरह से स्वचालित: ₹20–₹50 लाख।
  • कटिंग मशीन: कपड़े को मनचाहे आकार के बैग में काटती है।
  • लागत: ₹2–₹5 लाख।
  • सिलाई मशीन: किनारों को सिलती है और बैग के आकार बनाती है।
  • मैनुअल: ₹20,000–₹50,000 प्रत्येक।
  • स्वचालित: ₹2–₹3 लाख।
  • प्रिंटिंग मशीन: बैग पर लोगो, ब्रांडिंग या निर्देश प्रिंट करती है।
  • लागत: ₹5–₹10 लाख।
  • लेमिनेशन मशीन (वैकल्पिक): बैग पर सुरक्षात्मक कोटिंग जोड़ती है।
  • लागत: ₹4–₹8 लाख।
  • सामग्री हैंडलिंग उपकरण: ट्रॉलियाँ, कन्वेयर और स्टोरेज रैक।
  • लागत: ₹1–₹3 लाख।
  • कुल मशीनरी लागत: मध्यम स्तर के उत्पादन के लिए ₹30–₹70 लाख।
  1. उपयोगिताएँ और बुनियादी ढाँचा
  • बिजली: औद्योगिक कनेक्शन, 20–50 किलोवाट क्षमता।
  • लागत: सेटअप के लिए ₹2–₹5 लाख।
  • जल आपूर्ति: प्रसंस्करण और सफाई के लिए आवश्यक।
  • लागत: ₹20,000–₹50,000।
  • वेंटिलेशन और धूल नियंत्रण: ₹2–₹5 लाख।
  • फर्नीचर और फिक्स्चर: ₹1–₹2 लाख।
  • भंडारण क्षेत्र: कच्चे माल और तैयार माल के लिए सुव्यवस्थित रैक और स्थान।
  1. बोरियों के प्लांट के लिए कार्यबल

आवश्यक कर्मचारी:

  • मशीन ऑपरेटर: 4–6 (₹10,000–₹15,000/माह प्रत्येक)।
  • सिलाई करने वाले: 2–3 (₹8,000–₹12,000/माह प्रत्येक)।
  • पर्यवेक्षक: 1 (₹20,000/माह)।
  • प्रशासनिक कर्मचारी: 1 (₹15,000/माह)।
  • अकुशल श्रमिक (लोडिंग/अनलोडिंग): 3–4 (₹7,000–₹10,000/माह प्रत्येक)।
  • मासिक कार्यबल व्यय: ₹1.5–₹3 लाख।
  1. विनिर्माण प्रक्रिया
  • कच्चा माल तैयार करना: जूट के रेशे को सूत में काता जाता है।
  • बुनाई: जूट के धागे को करघे का उपयोग करके कपड़े में बुना जाता है।
  • कटिंग: कटिंग मशीनों का उपयोग करके कपड़े को आकार में काटा जाता है।
  • सिलाई: कटे हुए टुकड़ों को बैग में सिल दिया जाता है।
  • प्रिंटिंग (वैकल्पिक): प्रिंटिंग मशीनों का उपयोग करके लोगो या ब्रांडिंग जोड़ी जाती है।
  • लेमिनेशन (वैकल्पिक): बैग को जल प्रतिरोध के लिए लेपित किया जाता है।
  • निरीक्षण: गुणवत्ता नियंत्रण जाँच की जाती है।
  • पैकेजिंग: तैयार बैग को परिवहन के लिए पैक किया जाता है।
  1. पैकेजिंग और ब्रांडिंग
  • पैकेजिंग सामग्री: प्लास्टिक रैप, कार्टन या बंडलिंग रस्सियाँ।
  • लागत: ₹5–₹15 प्रति बैग।

ब्रांडिंग और मार्केटिंग:

  • लोगो डिज़ाइन, लेबल, वेबसाइट: ₹1–₹3 लाख।
  • लक्ष्यित बाज़ारों में विज्ञापन: ₹50,000–₹1 लाख।
  1. गनी बैग के प्लांट के लिए कुल लागत अनुमान
  • घटक लागत (₹)
  • भूमि और बुनियादी ढांचा₹10–₹30 लाख
  • मशीनरी और उपकरण₹30–₹70 लाख
  • कच्चा माल (प्रारंभिक स्टॉक)₹5–₹10 लाख
  • लाइसेंस और कानूनी₹1–₹2 लाख
  • उपयोगिताएँ और बुनियादी ढांचा₹2–₹5 लाख
  • कार्यबल (3 महीने)₹4.5–₹9 लाख
  • पैकेजिंग और ब्रांडिंग₹1.5–₹4 लाख
  • कुल₹54–₹130 लाख
  1. गनी बैग के प्लांट के लिए राजस्व क्षमता

बिक्री मूल्य:

  • बेसिक गनी बैग: ₹30–₹50 प्रत्येक।
  • लेमिनेटेड या ब्रांडेड गनी बैग: ₹50–₹100 प्रत्येक।

उत्पादन क्षमता:

  • लघु-स्तर: 5,000-10,000 बैग/माह।
  • राजस्व: ₹2-₹5 लाख/माह।
  • मध्यम-स्तर: 20,000-50,000 बैग/माह।
  • राजस्व: ₹10-₹25 लाख/माह।
  1. जूट बैग के प्लांट के लिए लाभ मार्जिन
  • सकल लाभ मार्जिन: कच्चे माल, उपयोगिताओं और कार्यबल व्यय को कवर करने के बाद 20-30%।
  • ब्रेक-ईवन अवधि: 12-18 महीने (पैमाने और दक्षता पर निर्भर करता है)।
  1. जूट बैग के प्लांट के लिए विचार
  • गुणवत्ता आश्वासन: बाजार का विश्वास हासिल करने के लिए लगातार गुणवत्ता महत्वपूर्ण है।
  • स्थायित्व: पर्यावरण के प्रति जागरूक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करें।
  • विविधीकरण: शॉपिंग बैग, बोरी या सजावटी वस्तुओं जैसे अन्य जूट उत्पादों का विस्तार करें।
  • सरकारी सहायता: राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत जूट उद्योगों के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन की तलाश करें।

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