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तीनों कृषि कानून सरकार ने वापस लिया

तीनों कृषि कानून वापस, जानें- PM मोदी ने फैसला वापस लेने की क्या बताई वजह

तीनों कृषि कानून सरकार ने वापस ले लिया है कृषि कानून लगने के बाद से ही कानून का विरोध चल रहा था, विरोध लंबे समय से चल रहा था आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम पर संबोधन में कहा केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं.

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा था. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संदेश में साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार अगले संसद सत्र में इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं.

क्या है कृषि कानून?

कृषि सुधारों को लेकर यह तीन बिल हैं-

कृषि कानून 1

द फार्मर्स प्रोडूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020
विवाद- मार्केटिंग के एमसपी की कोई गारंटी नहीं है जिसका विरोध हो रहा था.

कृषि कानून 2

द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फॉर्म सर्विसेस बिल 2020.
विवाद- यह सेवा सेक्टर में है जिसपर 18 प्रतिशत जीसटी लगेगा.

कृषि कानून 3

द एसेंशियल कमोडिटीज़ (अमेंडमेंट) बिल 2020.
विवाद- यह किसान के लिए नहीं, व्यापारियों के लिए है.

तीनों कृषि कानून सरकार ने वापस लिया

इस कानून से किसानों को डर?

  • खत्म हो जायेगी MSP की व्यवस्था
  • मंडियों का अस्तित्व होगा समाप्त
  • बिना मंडी कौन खरीदेगा उपज
  • कृषि क्षेत्र पर उद्योगपतियों का होगा कब्ज़ा
  • कांट्रेक्ट फार्मिंग से उद्योगपति छिन लेगा जमीन

कृषि कानून पर सरकार का पक्ष?

  • MSP खत्म करने का जिक्र ही नहीं, MSP पर खरीद होती रहेगी
  • मंडिया बनी रहेंगी, बिचोलियों से छुटेगें किसान
  • मंडी में उपज बाध्यता नहीं, कहीं भी बेच सकते हैं
  • फसल बुआई पर ही भाव की गारंटी, किसान तोड़ सकेगा कांट्रेक्ट
  • सिर्फ उपज खरीद के लिए होगा कांट्रेक्ट, जमीन खरीद फरोख्त का सवाल ही नहीं

इन तीनों कानून लगने के बाद से ही किसान ने विरोध शुरू कर दिया था उसके बाद एक विशाल आन्दोलन का रूप ले लिया और लंबे समय तक विरोध चलता रहा इसी का देखते हुआ केंद्र सरकार ने इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने का फैसला लीया.