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How to Setup a Plant of Coir Handicraft/ Ornaments?

How to Setup a Plant of Coir Handicraft/ Ornaments?

Setting up a plant for manufacturing coir handicrafts/ornaments requires a well-thought-out approach to ensure the production of creative and high-quality products that cater to a niche but growing market.

1. Market Research and Business Planning For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Market Analysis:
    • Study the demand for coir handicrafts locally and globally.
    • Identify trends in sustainable and eco-friendly decor and gifting.
  • Target Audience:
    • Art and decor enthusiasts, tourists, exporters, and gift shops.
  • Business Plan:
    • Define the scope of production, expected investment, pricing, and marketing strategy.
    • Include plans for innovation and design customization.

2. Location Selection For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Proximity to Raw Material:
    • Set up the unit near coconut-producing regions like Kerala, Tamil Nadu, or Andhra Pradesh for easy access to coir.
  • Infrastructure:
    • A small space (around 1,000–2,000 sq. ft.) for raw material storage, production, finishing, and packaging.
    • Availability of utilities like electricity and water.

3. Licensing and Registration For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Register the business as an MSME for government benefits.
  • Obtain necessary permits and licenses, such as:
    • Factory license.
    • GST registration.
    • Pollution Control Clearance, if required.
    • Trademark Registration for unique designs or brand protection.

4. Machinery and Equipment For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  1. Coir Defibring Machine: To extract coir fibers.
  2. Coir Twisting Machine: For making ropes and threads.
  3. Crafting Tools:
    • Molds for shaping.
    • Scissors, knives, and cutters for detailing.
  4. Finishing Machines: For polishing, cutting, and smoothening edges.
  5. Dyeing Unit: To add colors or patterns to the coir.
  6. Packaging Machine: For secure and attractive packaging.

Estimated Machinery Cost

  • Basic tools and equipment: ₹2–₹5 lakh.
  • Semi-automated machinery (optional): ₹10–₹15 lakh.

5. Raw Materials For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Coconut Coir: The primary raw material for crafting.
  • Adhesives: Glue, resin, or latex for binding.
  • Dyes and Paints: For coloring and decorative finishes.
  • Decorative Add-ons: Beads, shells, natural fibers, or other embellishments.
  • Packaging Materials: Boxes, labels, and eco-friendly wraps.

6. Workforce For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Artisans and Craftsmen: Skilled workers with experience in handicraft and artistic designs.
  • Unskilled Labor: For raw material handling and packaging.
  • Designers: For creating innovative and trending designs.
  • Administrative Staff: For managing sales, logistics, and operations.

7. Production Process For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  1. Raw Material Preparation:
    • Collect and process coconut husks to extract coir fibers.
    • Dye or treat fibers if required.
  2. Designing:
    • Create sketches or use molds to plan the design.
    • Innovate with eco-friendly themes or trending ideas.
  3. Shaping and Crafting:
    • Twist or weave fibers into desired shapes using tools or molds.
    • Add embellishments for ornaments and handicrafts.
  4. Polishing and Finishing:
    • Smooth edges and apply finishing touches like polish or protective coatings.
  5. Quality Check:
    • Inspect for uniformity, design precision, and durability.
  6. Packaging:
    • Pack items attractively for retail or export purposes.

8. Estimated Investment and Costs

  • Machinery and Tools: ₹10–₹20 lakh.
  • Raw Material Stock: ₹2–₹5 lakh.
  • Infrastructure: ₹5–₹10 lakh (space setup, utilities, and basic furnishing).
  • Working Capital: ₹5–₹10 lakh (salaries, logistics, and raw material purchases).
  • Miscellaneous Costs: ₹2–₹5 lakh (branding, licenses, and unforeseen expenses).

Total Investment: ₹25–₹50 lakh (for a small to medium-scale unit).

9. Profitability For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Production Cost:
    • Small handicrafts/ornaments: ₹50–₹150 per piece.
    • Larger items or detailed designs: ₹300–₹500 per piece.
  • Selling Price:
    • ₹100–₹300 for small items.
    • ₹500–₹1,500 for larger or intricate items.
  • Profit Margins: ~50–70%, depending on product design and market.

10. Government Support and Subsidies

  • Avail loans and subsidies through:
    • PMEGP (Prime Minister Employment Generation Programme).
    • SFURTI Scheme (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries).
    • CGTMSE (Credit Guarantee Fund Scheme for Micro and Small Enterprises).
  • Explore grants for eco-friendly initiatives or artisan support schemes.

11. Marketing and Sales For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  • Offline Sales:
    • Supply to gift shops, decor stores, and tourist outlets.
    • Participate in exhibitions and handicraft fairs.
  • Online Presence:
    • List products on e-commerce platforms like Amazon, Etsy, and Flipkart.
    • Create a website and use social media for branding and promotions.
  • Export Opportunities:
    • Partner with exporters or directly market to countries with high demand for eco-friendly products (e.g., Europe, the USA).

12. Products You Can Manufacture For Plant of Coir Handicraft/ Ornaments

  1. Coir Wall Hangings.
  2. Coir Jewelry (earrings, necklaces, bracelets).
  3. Coir Keychains and Souvenirs.
  4. Coir Lampshades and Candle Holders.
  5. Coir Figurines (animals, cultural designs, etc.).
  6. Coir Decorative Boxes and Trays.

कोयर हैंडीक्राफ्ट/ऑर्नामेंट्स (जैसे वॉल हैंगिंग, गहने, कीचेन, लैम्पशेड, सजावटी मूर्तियां) की यूनिट स्थापित करना एक आकर्षक और पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय है। यह व्यवसाय रचनात्मकता और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर आधारित है।

1. मार्केट रिसर्च और बिजनेस प्लान

  • मार्केट एनालिसिस:
    • स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयर हैंडीक्राफ्ट्स की मांग का अध्ययन करें।
    • ईको-फ्रेंडली गिफ्ट्स और डेकोर में बढ़ती रुचि पर ध्यान दें।
  • टार्गेट ऑडियंस:
    • कला प्रेमी, पर्यटक, निर्यातक, गिफ्ट शॉप्स।
  • बिजनेस प्लान:
    • उत्पादन क्षमता, निवेश, कीमत, और मार्केटिंग रणनीति तय करें।
    • डिजाइन में नवाचार और कस्टमाइजेशन के लिए योजना बनाएं।

2. स्थान का चयन

  • कच्चे माल की निकटता:
    • नारियल उत्पादक क्षेत्रों (जैसे केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश) के पास स्थान चुनें।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर:
    • 1,000–2,000 वर्ग फुट की जगह जिसमें कच्चे माल का भंडारण, उत्पादन, फिनिशिंग, और पैकेजिंग हो सके।
    • बिजली और पानी की सुविधा सुनिश्चित करें।

3. लाइसेंस और पंजीकरण

  • अपने व्यवसाय को MSME के तहत पंजीकृत करें।
  • आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करें, जैसे:
    • फैक्ट्री लाइसेंस
    • GST पंजीकरण
    • प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो)।
    • ट्रेडमार्क पंजीकरण (डिज़ाइनों और ब्रांड की सुरक्षा के लिए)।

4. मशीनरी और उपकरण

  1. कोकोनट हस्क डिफाइब्रिंग मशीन: कोयर फाइबर निकालने के लिए।
  2. कोयर ट्विस्टिंग मशीन: धागे और रस्सी बनाने के लिए।
  3. क्राफ्टिंग टूल्स:
    • मोल्ड्स, कैंची, चाकू और डिटेलिंग के उपकरण।
  4. फिनिशिंग मशीन: पॉलिशिंग और किनारों को चिकना करने के लिए।
  5. डाईंग यूनिट: कोयर को रंगने और पैटर्न जोड़ने के लिए।
  6. पैकेजिंग मशीन: तैयार उत्पादों को सुरक्षित और आकर्षक पैक करने के लिए।

अनुमानित मशीनरी लागत

  • बेसिक टूल्स और उपकरण: ₹2–₹5 लाख।
  • सेमी-ऑटोमैटिक मशीनरी (वैकल्पिक): ₹10–₹15 लाख।

5. कच्चा माल

  • नारियल का रेशा (कोयर): मुख्य सामग्री।
  • चिपकाने वाले पदार्थ: गोंद, रेज़िन, या लेटेक्स।
  • डाई और पेंट्स: रंगाई और सजावट के लिए।
  • सजावटी सामग्री: मोती, शंख, प्राकृतिक रेशे, अन्य अलंकरण।
  • पैकेजिंग सामग्री: ईको-फ्रेंडली बॉक्स और लेबल।

6. कार्यबल

  • कुशल कारीगर और शिल्पकार: हैंडीक्राफ्ट और डिज़ाइनिंग में निपुण।
  • अकुशल कर्मचारी: कच्चे माल की हैंडलिंग और पैकिंग के लिए।
  • डिजाइनर: रचनात्मक और ट्रेंडिंग डिज़ाइनों के लिए।
  • प्रशासनिक स्टाफ: बिक्री, लॉजिस्टिक्स और संचालन के लिए।

7. उत्पादन प्रक्रिया

  1. कच्चा माल तैयार करना:
    • नारियल का रेशा इकट्ठा करें और उसे प्रोसेस करें।
    • जरूरत पड़ने पर रेशों को रंगें।
  2. डिज़ाइनिंग:
    • स्केच तैयार करें या मोल्ड्स का उपयोग करें।
    • ईको-फ्रेंडली और ट्रेंडिंग डिज़ाइन पर फोकस करें।
  3. शेपिंग और क्राफ्टिंग:
    • रेशों को मोल्ड्स या उपकरणों से आकार दें।
    • गोंद या रेज़िन की मदद से उत्पाद को मजबूत करें।
  4. पॉलिशिंग और फिनिशिंग:
    • किनारों को चिकना करें और फाइनल टच दें।
  5. गुणवत्ता जांच:
    • उत्पाद की डिजाइन, मजबूती और समानता की जांच करें।
  6. पैकेजिंग:
    • उत्पाद को बिक्री या निर्यात के लिए आकर्षक तरीके से पैक करें।

8. निवेश और लागत

अनुमानित प्रारंभिक लागत

  • मशीनरी और उपकरण: ₹10–₹20 लाख।
  • कच्चा माल: ₹2–₹5 लाख।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: ₹5–₹10 लाख।
  • वर्किंग कैपिटल: ₹5–₹10 लाख।
  • अन्य खर्चे: ₹2–₹5 लाख।

कुल निवेश: ₹25–₹50 लाख (छोटे से मध्यम स्तर की यूनिट के लिए)।

9. लाभ और कमाई

  • उत्पादन लागत:
    • छोटे उत्पाद: ₹50–₹150 प्रति पीस।
    • बड़े या जटिल डिज़ाइन: ₹300–₹500 प्रति पीस।
  • बिक्री मूल्य:
    • ₹100–₹300 (छोटे उत्पादों के लिए)।
    • ₹500–₹1,500 (बड़े या जटिल उत्पादों के लिए)।
  • लाभ मार्जिन: ~50–70%।

10. सरकारी सहायता और सब्सिडी

  • PMEGP (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) के तहत लोन लें।
  • SFURTI (पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड योजना) का लाभ उठाएं।
  • CGTMSE (क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम) के तहत लोन सुविधा।

11. मार्केटिंग और बिक्री

  • ऑफलाइन बिक्री:
    • गिफ्ट शॉप्स, डेकोर स्टोर्स और टूरिस्ट आउटलेट्स को आपूर्ति करें।
    • प्रदर्शनियों और मेले में भाग लें।
  • ऑनलाइन उपस्थिति:
    • अमेज़न, एटसी, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध करें।
    • सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए ब्रांडिंग करें।
  • निर्यात अवसर:
    • निर्यातकों के साथ साझेदारी करें या सीधे यूरोप, अमेरिका जैसे बाजारों को लक्षित करें।

12. प्रमुख उत्पाद जो बनाए जा सकते हैं

  1. कोयर वॉल हैंगिंग।
  2. कोयर ज्वेलरी (झुमके, हार, कंगन)।
  3. कोयर कीचेन और सॉवेनियर।
  4. कोयर लैम्पशेड और कैंडल होल्डर।
  5. कोयर मूर्तियां (जानवर, सांस्कृतिक डिज़ाइन)।
  6. कोयर डेकोरेटिव बॉक्स और ट्रे।

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