12th Economics Question and Answer
1st chapter परिचय (introduction)
12th Economics Question and Answer
Question 1. समष्टि अर्थशास्त्र क्या है ?
Ans :- समष्टि शब्द ग्रीक भाषा के मेक्रोज (Macros) से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बड़ा अर्थात अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसमे सम्पूर्ण आर्थिक इसकी का अध्यन किया जाता है उसे समष्टि अर्थशास्त्र कहते हैं
जैसे :- राष्टीय आय , कुल रोजगार, कुल व्यय , कुल निवेस , सामान्य कीमत स्तर आदि समष्टि अर्थशास्त्र के अध्यन में आय केन्द्रीय स्थान रखता है इसलिए इसे आय सिधांत के नाम से भी जाना जाता है कुछ अर्थशास्त्री इसे आय सिधांत अथवा मोद्रिक सिद्धांत भी कहना पसंद करते हैं
1936 में लार्ड केंज ने अपनी पुस्तक GENERAL THEORY OF EMPLOYMENT, INTERES AND MONEY से समष्टि अर्थशास्त्र में बहुत बड़ी उपलब्दी प्राप्त की जो केन्स की क्रांति के नाम से प्रसिद्ध हुई इस क्रांति अर्थव्यवस्था बहुत ज्यदा परिवर्तन हुआ जिससे खुश होकर ब्रिटिश सरकर ने लार्ड (भगवन ) की उपाधि दी इसलिए केन्स को समष्टि अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है
12th Economics Question and Answer
Question 2. से (J.B Say ) का बाज़ार नियम क्या है ?
Ans :- फ़्रांस के अर्थशास्त्री J.B Say ने समष्टि अर्थशास्त्र के लिए बाजार का नियम दिया जिसे SAY का बाजार नियम कहा हट है उसके अनुसार – पूर्ति स्वंय अपनी मंद पैदा करती है (Supply crats its own demand)
अर्थात :- उत्पाद के सभी साधन को काम पर लगाने से जो उत्पादन होती है उसे इस साधनों के आय रूप में बाँट दिया जाता है पुनः उसी से वस्तुएं की मांग करते हैं तथा आय का कुछ भाग बचत कर लिया जाता है इस प्रकार पूर्ति के द्वारा स्वयं मांग पैदा करती है
NOTE :- उत्पादन के साधन – भूमि श्रम पूंजी संगठन
समष्टि और
व्यष्टि अर्थशास्त्र | समष्टि अर्थशास्त्र |
1. इसका सम्बन्ध व्यक्तिगत आर्थिक इकाई से है जैसे :- एक फ्रॉम , एक उद्योग एक उपभोगता अथवा एक क्यक्ति की आय का अध्यन किया जाता है | इसका सम्बन्ध सामूहिक आर्थिक इकाई से है जैसे :- राष्टीय आय, कुल रोजगार सामूहिक व्यय सामान्य कीमत स्तर आदि |
2. इसका उदेश्य ऐसे सिधान्तो का अध्यन करना जिसके द्वारा साधनों का आदर्श आबंटन किया जा सके | 2. इसका उद्देश्य ऐसे सिधान्तो का अध्यन करना जिसके द्वारा पूर्ण रोजगार की प्राप्ति उत्पादन सकती में विस्तार हो सके |
3. इसका मुख्य उपकरण मांग तथा पूर्ति है | 3. इसका मुख्य उपकरण सामूहिक मांग सामूहिक पूर्ति सामूहिक बचत तथा निवेश हो सके |
4. व्यष्टि अर्थशास्त्र को कीमत सिध्दांत के नाम से जाना जाता है | 4.समष्टि अर्थशास्त्र को आत तथा रोजगार सिध्दांत के नाम से जाना जाता है |
Ans :- उपभोग वस्तुएँ वह वस्तुएँ है जो मानवीय आवश्यकताओं को प्रत्येक्ष रूप से संतुष्ट करते है
जैसे :- कुर्सी,T.v, कार, रोटी, आदि
उपभोग वस्तुएँ चार प्राकार हैं
1.गैर टिकाऊ वस्तुएँ
2.अर्धटिकाऊ टिका वस्तुएँ
3.टिकाऊ वस्तुएँ
4.सेवाएँ
सभी के परिभाषा
1.गैर टिकाऊ वस्तुएँ (Non durable goods )
:- वह वस्तुएँ जो केवल एक बार या दो बार प्रयोग जाता किया कहते है उसे गैर टिकाऊ वस्तुएं कहते हैं
जैसे :- दूध, फल पेट्रोल सब्जी आदि ।
2.अर्थ विकाऊ वस्तुएँ(Semi Aurable goods)
:- वह वस्तुएँ जिसका एक से अधिक बार प्रयोग किया जाता है अर्ध विकाऊ वस्तुएँ कहते है
जैसे : कपड़ा, फर्नीचर बिजली के समान आदि
3.टिकाऊ वस्तुएँ
:- वह वस्तुएँ जिसका प्रयोग कई वर्षों तक बार बार प्रयोग किया जाता है उसे टिकाऊ वस्तुएं कहते है
जैसे :- कार, मोटर, फ्रीज, आदि
4. सेवाएँ (Services)
Ans:- सेवाएँ वह गैर भौतिक पदार्थ होते हैं जो मानवीय आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से संतुष्ट करती है
जैसे :- अध्यापक, डॉक्टर, वकील डाकघर आदि ।
पूँजी पदार्थ (Capital goods)
पूँजी पदार्थ वह उत्पादकीय पदार्थ है जो उत्पादन प्रक्रिया मे बार बार प्रयोग किये जाते हैं। जैसे :- बिलडिंग, मशनरी, कच्चा माल अर्थ निर्मित पदार्थ आदि
पूँजी पदार्थ दो प्रकार के होते हैं
1 टिकाऊ पूँजी पदार्थ पदार्थ (Durable capital Gurnals)
वह पदार्थ जिन्हे कई वर्षों तक प्रयोग किया जाता है उसे टिकाऊ पूँजी पदार्थ कहते हैं
जैसे :- मशीन, मकान, यातायात के साधन ,भूमि आदि
2)गैर टिकाऊ पूँजी पदार्थ (non durable capital goods)
Ans :- वह पदार्थ जो कुछ समय बाद समाप्त हो जाता है उसे गैर टिकाऊ पूँजी पदार्थ कहते हैं
जैसे :- कच्चा माल, अर्थ निर्मित पदार्थ आदि
मध्यवर्ती पदार्थ (intermediate gonds)
वह पट्टार्थ जिसका दुबारा निर्माण किया जा सकता है तथा जिसे उत्पादन प्रक्रिया में प्रयोग किया जाता है
उसे मध्यवर्ती पदार्थ कहते हैं उदाहरण :- कपड़ा मिल के लिए कपास
आँटा मील के लिए गेहूँ
घर बनाने के लिए ईटे सिमेंट
अंतिम पदार्थ क्या है (Final Goods)
वह पदार्थ जिसका दुवारा निर्माण नहीं किया जा सकता है उसे अंतिम पदार्थ कहते है जिसका हम सीधे उपभोग कर सकते हैं
जैसे: मिठाई टीबी फर्नीचर.
Q सकल निवेश (gross investment)?
जब शुद्ध निवेश तथा मूल्य ह्रास को जोड़ दिया जाता है तो सकल निवेश प्राप्त होता है
सूत्र के रूप में सकल निवेश = शुद्ध निवेश + मूल्य ह्रास
निवेश एक व्यापक शाब्द है पूँजीगत पदार्थों के भंडारों में वृद्धि होना निवेश कहलाता है
इसके अंतर्गत निम्न मंदे शामिल होते हैं
1 मशनरी तथा पूँजीगत पदार्थों के वृद्धि होना
2 नए नए सड़को तथा भवनों का निर्माण होना
3यातायात एवं संचार के साधनों में वृद्धि होना
4 शिक्षा एवं स्वास्थ सेवा का विस्तार होना आदि निवेश विस्तार होना
Q मूल्य ह्रास या स्थायी पूँजी का उपयोग या घिसावट किसे कहते हैं?
Ans :-मसीनो के लगातार प्रयोग अथवा तकनीकी परिवर्तन के कारण उसके मूल्य में जो कमी आती है उसे मूल्य ह्रास या घिसावट कहते हैं इसे साधारण तौर पर राष्टीय आय में जोड़ दिया जाता है जिससे सकल राष्टीय आय प्राप्त होती है
अर्थात्:- सकल राष्टीय आय = शुद्ध राष्टीय + घिसावट
मध्यवर्ती पदार्थ से एवं अंतिम पदार्थ में अंतिम पदार्थ में अंतर लिखे
मध्यवर्ती पदार्थ एवं अंतिम पदार्थ में निम्न अंतर है।
मध्यवर्ती पदार्थ | अंतिम पदार्थ |
1)इसका दोबारा निर्माण किया जा सकता है | 1) इसका दोबारा निर्माण नही किया जा सकता है |
2)यह पदार्थ राष्ट्रीय आय का भाग नहीं होता है | 2) यह पदार्थ राष्ट्रीय आय का भाग होता है |
3 यह पदार्थ उत्पादन प्रक्रिया के भीतर रहता है | 3) यह पदार्थ उत्पादन प्रक्रिया के बाहर चला जाता है |
4)मध्यवर्ती पदार्थ में दोहरी गन्ना की समस्या होती है | 4)अतिम पदार्थ में दोहरी गन्ना की समस्या नहीं होती है |
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