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व्यापारिक बैंक एवं साख निर्माण

व्यापारिक बैंक एवं साख निर्माण के प्रश्न और उत्तर ।

Q व्यापारिक बैंक क्या है?
उत्तर:- व्यापारिक बैंक वह संस्था है जो मुद्रा तथा साख का व्यवहार करती है वह लोगों के जाम को स्वीकार करती है तथा ऋण उपलब्ध कराती है आवश्यकता पड़ने पर मुद्रा मुद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में सहायक होती है
जैसे:- पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, HDFC ।

2. व्यापारिक बैंक की विशेषता क्या है?
उत्तर:- व्यापारिक बैंक की प्रमुख विशेषता निम्न है:-
a) यह मुद्रा के लेन- देन के साथ संबंध रखते हैं
b) यह लोगों के जाम को स्वीकार करती है तथा ऋण प्रदान करती है
c) यह साथ निर्माण करती है
d) इसका मुख्य उद्देश्य से लाभ कमाना होता है
e) यह बड़े-बड़े कानूनी भुगतानो में वीनिमय का माध्यम बनाती हैं

Note व्यापारिक बैंक के कार्य :- व्यापारी बैंक के कार्य को तीन भागों में बांटा गया है।
a) प्राथमिक कार्य
b) द्वितीय (गौण) कार्य
c) विकासात्मक कार्य

3.प्राथमिक कार्य को भी तीन भागों में है
a) जमा स्वीकार करना
b) ऋण देना
c)साथ निर्माण

a) जमा स्वीकार करना
उत्तर:-व्यापारिक बैंकों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य लोगों के जमा को स्वीकार करना है जब लोग अपनी बचत को निवेश नहीं कर पाते हैं तो वह अपनी बचत को बैंकों में जमा कर देती है बैंक में जमा करने से पैसा भी सुरक्षित रहता है तथा ब्याज भी मिलता है ।

Note:-
बैंक लोगों के बचत को कई प्रकार के खाते में खोलकर जमा करते हैं
जैसे :- बचत खाता, चालू खाता, निश्चित कालीन जमा खाता, आवर्ती जमा खाता, हम सेफ खता

b) ऋण देना
व्यापारिक बैंकों का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है जरूरतमंदों को ऋण देना। वह अपने कुल नकद जाम का कुछ प्रतिशत भाग रखकर देश लोगों को ऋण के रूप में दे देता है।

ऋण भी कई प्रकार के होते हैं
क)दीर्घकालीन कालीन ऋण
ख) मध्यकालीन ऋण
ग) अल्पकालीन ऋण
घ) ओवरड्राफ्ट आदि के रूप में
e) हर प्रकार के रिंग में समय के आधार पर ब्याज निर्धारित किया जाता है

c) साख निर्माण:-
व्यापारिक बैंकों का एक महत्वपूर्ण कार्य है साख निर्माण करना। बैंक जब लोगों को ऋण देता है तो वह नकद न देकर ऋणी के नाम से खाता से खोलकर उसमें जमा कर देता है इस प्रकार यह जाम का एक स्रोत बन जाता है तथा प्रत्येक जमा राशि ऋण बढ़ाने में सहायक होता है इसे ही साख निर्माण करते हैं

2.गौण कार्य
व्यापारिक बैंकों के गौण कार्य के अंतर्गत दो कार्य को शामिल किया गया है
a)एजेंट के रूप में कार्य
b)सामान्य उपयोगिता संबंधित कार्य

a)एजेंट के रूप में कार्य: –

बैंकों के गौण कार्य एजेंट के रूप में ग्राहकों के लिए कार्य करता है जिनमें निम्न प्रमुख हैं।
क) कोष भेजने का कार्य
ख) ग्राहकों का निर्देशों का पालना
ग) शाख का एकत्रीकरण एक भुगतान करना
घ)आयकर सलाहकार के रूप में कार्य
च)प्रतिनिधि एवं सावंदता के कार्य

b)सामान्य उपयोगिता कार्य संबंधी कार्य?
उत्तर:- व्यापारिक बैंकों के सामान्य उपयोगिता कार्य संबंधी किस प्रकार हैं
क) लॉकर की सुविधा
ख) ATM की सुविधा
ग) चेक जारी करना
घ)क्रेडिट कार्ड सुविधा उपलब्ध कराना
विदेशी विनिमय का व्यवहार करना
च)प्रतिभूतियों (सरकारी) कि सुविधा उपलब्ध कराना

3.विकासात्मक कार्य:- व्यापारिक बैंकों का विकासात्मक कार्य के अंतर्गत निम्न कार्य को शामिल किया गया है
a) ग्रामीण विकास कार्य को लागू करना
b) निर्बल लोगों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराना
c) पूंजी निर्माण प्रोत्साहन देना।
d) अर्थव्यवस्था का मुद्रीकरण करना

Qसाथ निर्माण क्या है?
उत्तर:- बैंकों द्वारा लोगों के जमा के आधार पर मुद्रा का कई गुना विस्तार करना साख निर्माण कहलाता है इसका मुख्य उद्देश्य ब्याज का मन होता है ताकि उसके लाभ बढ़ सके।

Qसाथ निर्माण की धारणाएं ?
उत्तर:- साथ निर्माण की प्रमुख धारणाएं निम्न है
a) व्यापारी बैंक:- साख निर्माण करने वाले मुख्य संस्था व्यापारिक बैंक है क्या एक ऐसी संस्था है जो लोगों के जमा को स्वीकार करते हैं इससे जो कोष बनता है उसके आधार पर ऋण देता है

Q) प्राथमिक जमा:-
उत्तर:- जनता द्वारा बैंकों में जमा की गई राशि को प्राथमिक जमा कहते हैं जनता ऐसी जमा दो उद्देश्य से करते हैं
a)पैसा सुरक्षित करने के लिए
b) व्याज कमाने के लिए

Q)द्वितीय जमा( गोन जमा) क्या है?
उत्तर:- बैंक जब भी लोगों को ऋण देती है तो नकद राशि में नहीं देती बल्कि उसे राशि को ऋणी के खाते में जमा कर देती है ऐसी जमा को द्वितीय या गोन जमा करते हैं गौण साख निर्माण को गति प्रदान करता है।

Q)नकद कोष अनुपात किसे कहते हैं ?
उत्तर :- बैंक अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत भाग नगद के रूप में अपने पास रखती है जिसे नगद को अनुपात (crr) कहते हैं।

Qअतिरिक्त कोष?
उत्तर:- वह राशि जो बैंकों के पास बच जाती हैं अतिरिक्त कोष कहलाती हैं इसे ही साथ निर्माण होता है ।

Qसाख गुणक किसे कहते हैं?
उत्तर:- बैंकों द्वारा कुल साख निर्माण तथा कुल जमा के अनुपात को साख गुणक कहते हैं आमतौर पर यह नगद कोष अनुपात के विपरीत होता है।
अर्थात
सूत्र:- साख गुणक = 1/crr
जहां r=crr

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