पारसनाथ, गिरिडीह
झारखंड के गिरिडीह जिले मैं स्थित पारसनाथ पहाड़ी पहाड़ियों की एक श्रृंखला है । यह जैन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल केंद्र में से एक है । पारसनाथ पहाड़ी पर एक मंदिर गुमटी या तुक है। इस स्थल का निर्माण प्राचीन काल में ही हुआ है। इस पहाड़ी का नाम पारसनाथ रखा गया क्योंकि यहां आए 23वें तीर्थंकर का नाम पारसनाथ था । जिसे इसी स्थल में आकर मोक्ष मिला था । यह भी कहां जाता है कि पारसनाथ पहाड़ में बना कुछ मंदिर 2000 सालो से अधिक पुराना है । पारसनाथ पहाड़ी को झारखंड राज्य की सबसे ऊंची चोटी भी कहा जाता है। पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित जैन मंदिर यह मंदिर संगमरमर से बना है । पारसनाथ पहाड़ी की ऊंचाई 1365 मीटर है। पारसनाथ पहाड़ी को संथाल और आदिवासी जनजाति के लोग इसे मारांग बुरु के नाम से जानते है ।
मारांग बुरु आदिवासी और संथाल के लिए आस्था का स्थल है जिसकी वे पूजा अर्चना करते है और यह भी कहा जाता है की सदियों से आदिवासी और संथाल इस पहाड़ी क्षेत्र में रहते है। और देवता के रूप मे मारांग बुरु को पूजते है ।
मिड अप्रैल मे यहाँ बैसाखी के दौरान पूर्णिमा के दिन पर शिकार उत्सव मानते है ।
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